उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाल ही में एक कुख्यात और लंबे समय से फरार चल रहे बलात्कार आरोपी दीपक वर्मा को एनकाउंटर में मार गिराने का महत्वपूर्ण कदम उठाया है। दीपक वर्मा पर कई महिलाओं के साथ बलात्कार और अन्य गंभीर अपराधों के आरोप थे, जिनकी वजह से वह कानून की पकड़ से बचते हुए लगातार फरार रहा।
उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने कई महीनों तक गुप्त जानकारी जुटाई, छापेमारी की और पूरे इलाके में सघन दबिश दी। अंततः पुलिस को एक ऐसे स्थान की सूचना मिली, जहाँ वह छुपा हुआ था। जब पुलिस ने उसे पकड़ने की कोशिश की, तो उसने हथियार उठा लिए और पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमला कर दिया। इस पर पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए उसे एनकाउंटर में मार गिराया।
इस कार्रवाई को उत्तर प्रदेश पुलिस ने न केवल अपराध नियंत्रण की दिशा में एक बड़ी सफलता बताया, बल्कि इसे समाज में महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक सशक्त संदेश भी माना जा रहा है। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि इस एनकाउंटर से अपराधियों में भय पैदा होगा और महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों पर कड़ी नजर रखी जाएगी।
राज्य सरकार ने भी इस एनकाउंटर की सराहना की है और कहा है कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कोई समझौता नहीं होगा। इस घटना ने आम जनता के मन में सुरक्षा की भावना को मजबूत किया है और यह दर्शाया है कि अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा। इस एनकाउंटर से पीड़ितों को न्याय मिलने की उम्मीद और बढ़ गई है, जिससे सामाजिक न्याय की प्रक्रिया को मजबूती मिली है।
मामलाकी पृष्ठभूमि और घटना
- लखनऊ के आलमबाग मेट्रो स्टेशन के नीचे एक 2½‑3 साल की मासूम बच्ची अपने माता‑पिता के साथ फुटपाथ पर सो रही थी। (सूत्र: लाइव हिन्दुस्तान) (livehindustan.com)
- रात करीब 2:30–3:30 बजे के बीच, एक सफेद स्कूटी पर सवार युवक (गिरफ्तार आरोपी की स्कूटी) बच्ची को उठा ले गया। (CCTV से मामला सामने आया)
- आरोपी को बच्ची के साथ लिफ्ट के पास ले जाकर दुष्कर्म किया गया, जिसके बाद उसे गंभीर रूप से घायल अवस्था में वहीं छोड़ दिया और वो फरार हो गया। (CCTV फुटेज में दृश्यमान)
पुलिस की कार्रवाई
- घटना की रिपोर्ट मिलते ही अलम्बाग थाने में FIR दर्ज की गई और बच्ची को तुरंत लोकबंधु अस्पताल भेजा गया, फिर डॉक्टरों ने उसे KGMU (King George’s Medical University) में रेफ़र किया। (डॉक्टरी विवरण)
- पुलिस ने 5 टीमों का गठन किया और आरोपी की पहचान CCTV व स्कूटी नंबर आधार पर की। इसके बाद ₹1 लाख का इनाम घोषित किया गया।
आरोपी की पहचान: दीपक वर्मा
- आरोपी का नाम दीपक वर्मा (उर्फ नानु), उम्र 24 साल, रहने वाला आश्रय की सीमा से बाहर, पानी बेचने का काम करता था, कभी ट्रेन में काम भी किया, और ‘जागरता’ इवेंट्स में हिस्सा लेता था।
- उसके खिलाफ पहले से ही दो आपराधिक मामले दर्ज थे:
- 2021 – हिंसा, मारपीट, धमकी (Hazratganj)
- 2024 – अपमान/धमकी (Para थाने)
- स्कूटी उसके सहयोगी की बहन द्वारा वर्षों पहले उपहार दी गई थी, जिसे दीपक ने ज़बरन ले लिया था।
एनकाउंटर और मृत्यु
- रातभर उसकी तलाश के बाद, पुलिस को सूचना मिली कि वह हाल ही में डेवी खेड़ा (Ganna Institute Road) क्षेत्र में है। (रात 3–3:30 बजे)
- पुलिस ने जब उसे रोकने की कोशिश की, तो वह स्कूटी समेत पलटा गया और खड़ी जगह पर छिप गया। उससे दो बार फायरिंग हुई — पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की और आरोपी की छाती में गोली लगी।
- सड़क के पास पाए गए देशी तमंचा, दो कारतूस, मोबाइल व ₹770 की बरामदगी हुई। (हिंदुस्तान की रिपोर्ट)
- घायल अवस्था में उसे लोकबंधु अस्पताल ले जाया गया, जहाँ इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। (पोस्टमॉर्टम हुआ और शव परिवार को सौंपा गया)
पीड़िता की स्थिति
- बच्ची को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी शल्यचिकित्सा (सर्जरी) की गई और प्राथमिक रिपोर्ट स्थिर बताई गई है।
- उसकी अलग‑अलग सर्जरी और आगे की देखभाल के लिए KGMU में भर्ती रखा गया है।
सरकारी व पुलिस प्रतिक्रिया
- DCP (सेंट्रल ज़ोन) आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि यह कार्रवाई पुलिस की स्वरक्षा और आरोपी को पकड़ने के प्रयास में हुई — लेकिन आरोपी की फायरिंग के बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की।
- UP सरकार और पुलिस की ओर से यह भी साफ किया गया कि उकसावे पर नहीं, बल्कि कानूनी कार्रवाई के तहत कार्रवाई की गई थी और कानून‑व्यवस्था को एक सख्त संदेश दिया गया।
तिथि | घटना |
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5 जून 2025 (गुरुवार) | ~02:30–03:30 AM: बच्ची के साथ दुष्कर्म |
5 जून दुपहर | शिकायत दर्ज, CCTV से आरोपी की पहचान, ₹1 लाख इनाम घोषित |
6 जून 2025 (शुक्रवार) | सुबह 3–3:30 AM: पुलिस एनकाउंटर, घायल आरोपी को अस्पताल ले जाया गया, फिर निधन |
पोस्टमॉर्टम और शव सुपुर्दगी | अस्पताल में ही सुबह |
- यह अत्यंत पीड़ादायक और संवेदनशील मामला है।
- पुलिस ने 24 घंटे के अंदर उच्च स्तर की तत्परता दिखाईं, आरोपी को कैमरे और मोबाइल ट्रेसिंग की मदद से पकड़ा गया।
- आरोपी गिरफ्तारी से बचने के लिए फायरिंग में उकसाया, जिसका पुलिस ने स्वरक्षा में जवाबी कार्रवाई की, जिससे वह मारा गया।
- मासूम बच्ची उपचाराधीन है और उसकी स्थिति फिलहाल स्थिर है, हालांकि आगे की देखभाल जरूरी है।
यदि आप चाहें तो इस पर वीडियो रिपोर्ट, पुलिस बयानों या CCTV फुटेज का लिंक भी उपलब्ध है। बता दें कि ये सभी विवरण 6–7 जून 2025 तक की सार्वजनिक रिपोर्टिंग पर आधारित हैं।