एयर इंडिया क्रैश जांच: ‘साजिश’ की पकड़ में गंभीर एंगल, रिपोर्ट तीन माह में

12 जून 2025 को, एयर इंडिया की उड़ान AI171, जो अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रही थी, टेकऑफ़ के कुछ ही क्षणों बाद बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल ब्लॉक से टकरा गई, जिससे 260 लोगों की मृत्यु हो गई, जिनमें 241 विमान में सवार यात्री और चालक दल के सदस्य तथा 19 ज़मीनी लोग शामिल थे। इस दुर्घटना में केवल एक व्यक्ति, 40 वर्षीय Vishwash Ramesh, जीवित बचा, जिन्होंने आपातकालीन निकास द्वार से कूदकर अपनी जान बचाई।

जांच की स्थिति और संभावित साजिश

नागर विमानन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल (Murlidhar Mohol) ने पुष्टि की है कि विमान दुर्घटना की जांच हर संभावित कोण से की जा रही है, जिसमें साजिश (sabotage) की संभावना भी शामिल है। यह पहली बार है जब किसी अधिकारी ने सार्वजनिक रूप से साजिश के एंगल की जांच की बात कही है।

जांच में पाया गया है कि उड़ान के दौरान दोनों इंजन एक साथ बंद हो गए थे, जो कि एक अत्यंत दुर्लभ घटना है। इससे साजिश या ईंधन संदूषण (fuel contamination) की संभावना पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

विशेषज्ञों ने बताया कि दोनों इंजनों का एक साथ फेल होना अत्यंत दुर्लभ है, जिसे “one in a billion event” कहा गया है।

ब्लैक बॉक्स और जांच प्रक्रिया

Aircraft Accident Investigation Bureau (AAIB) ने ब्लैक बॉक्स, जिसमें कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर शामिल हैं, को बरामद कर लिया है और उसका विश्लेषण कर रही है। इसके अलावा, हवाई अड्डे की सीसीटीवी फुटेज, रेडियो लॉग और अन्य निगरानी डेटा की भी जांच की जा रही है। प्रारंभिक संकेतों से पता चलता है कि टेकऑफ़ के दौरान विमान को पर्याप्त थ्रस्ट नहीं मिल रहा था, जिससे वह रनवे के अंत तक पहुंच गया और फिर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

विमान का ब्लैक बॉक्स (कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर) विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) के पास है और इसकी जांच भारत में ही की जा रही है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि ब्लैक बॉक्स को विदेश नहीं भेजा जाएगा। जांच रिपोर्ट तीन महीनों के भीतर आने की उम्मीद है।

मृतकों की पहचान और डीएनए जांच

इस हादसे में कई शव पूरी तरह जल गए थे, जिससे उनकी पहचान मुश्किल हो गई थी। परिजनों के डीएनए से मिलान करके शवों की पहचान की गई, जो आमतौर पर महीनों लगते हैं, लेकिन इस मामले में लगभग दो सप्ताह में पूरी कर ली गई।

अधिकारियों ने संभावित ईंधन संदूषण या अन्य जानबूझकर की गई साजिशों की भी जांच शुरू की है। अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों, जैसे कि ICAO, अमेरिकी NTSB और ब्रिटिश विशेषज्ञों, के साथ मिलकर जांच की जा रही है। अंतिम जांच रिपोर्ट तीन महीनों में जारी होने की उम्मीद है।

यह दुर्घटना Boeing 787 Dreamliner मॉडल की पहली घातक दुर्घटना है, जिससे विमान की सुरक्षा और रखरखाव पर भी सवाल उठे हैं। हालांकि, एयर इंडिया ने पुष्टि की है कि उनके सभी Dreamliner विमानों की हाल ही में जांच की गई है और वे सुरक्षित हैं।

एयर इंडिया AI-171 की दुर्घटना की जांच में साजिश की संभावना को गंभीरता से लिया जा रहा है। सरकार और संबंधित एजेंसियां सभी संभावित कारणों की गहन जांच कर रही हैं। अंतिम रिपोर्ट आने के बाद ही दुर्घटना के वास्तविक कारणों का पता चल पाएगा।

इस त्रासदी ने भारत और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में गहरा शोक उत्पन्न किया है, और जांच के निष्कर्षों का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है।

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