आज, भारतीय शेयर बाजार में तेज़ी का रुझान दिखाई दिया। बीएसई सेंसेक्स (Sensex) ने शुक्रवार, 6 जून 2025 को करीब 747 अंक (0.91%) की तेजी के साथ 82,188.99 पर बंद किया, वहीं एनएसई निफ्टी (Nifty 50) 252.15 अंक (1.02%) चढ़कर 25,003.05 पर पहुंच गया । इस बढ़त के पीछे मुख्य कारण भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो दर में 0.50% की अप्रत्याशित कटौती और कैश रिज़र्व रेशियो (CRR) में 1% की कमी की घोषणा रहा । रेट में इस बड़े सुधार को बाजार ने गर्मजोशी से स्वागत किया, जिससे निवेशकों की संपत्ति में लगभग ₹3.5 लाख करोड़ का इजाफा हुआ ।
डेली इंडेक्स की संरचना को देखें, तो बड़ी कंपनियों का प्रदर्शन लाज़वाब रहा — निफ्टी बैंक 1.47% और निफ्टी मिडकैप 1.67% तक उछला । BSE ऑटो, मेटल, रियल्टी जैसे सेक्टर्स में भी सकारात्मक रुझान देखा गया; इनमें से Realty में 4.74%, Auto में 1.50%, और Metal में 1.56% की उछाल दर्ज हुई । निफ्टी आईटी एवं एनर्जी सेक्टर्स भी क्रमश: +0.50% और +0.28% पर बंद हुए ।
टॉप इंडिविजुअल गेनर्स की बात करें, तो गोदरेज इंडस्ट्रीज़ 14.20%, सेंचुरी टेक्सटाइल्स 9.05%, ट्यूब इंवेस्टमेंट्स 8.34%, उद्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक 7.49% और IDFC बैंक 7.0% तक तेजी में रहे । वहीं, छोटी और मिडकैप कंपनियों को भी लाभ मिला, क्योंकि मिडकैप 100 इंडेक्स 1.21%, और स्मॉलकैप 50 इंडेक्स 1.15% ऊपर बंद हुआ ।
वैश्विक संकेतों को देखें तो हांग सेंग सूचकांक 0.48% गिरा, जबकि निक्की 225 और डॉव फ्यूचर्स क्रमश: +0.50% और +1.10% बढ़े । डॉलर के मुकाबले रुपया लगभग ₹85.79 पर स्थिर रहा ।
- केंद्र में RBI की मज़बूत मौद्रिक नीति: 0.50% की रेपो दर कटौती व CRR में 1% कमी — जो निवेशकों को सकारात्मक संकेत देती है।
- फायदे में बड़ी कंपनियाँ: बैंकिंग, मिड-कैप और स्मॉल-कैप सेक्टर्स में समग्र तेजी।
- सीमित बाहरी असर: वैश्विक संकेत मिलेजुले लेकिन घरेलू बाजार के रुख को वैल्यूएशन बढ़ावा मिला।
निष्कर्ष: आज का बाजार RBI की नीतिगत निर्णयों से उत्साहित हुआ। घरेलू निवेश बिहारों के बीच सकारात्मक वॉल्यूम बना रहा, बड़ी और मिड-स्मॉल कैप कंपनियों की लिस्ट में अच्छी हिस्सेदारी रही—जो बाजार की सामान्य मजबूती दर्शाता है।
1. प्रमुख भारतीय सूचकांक — सेंसेक्स & निफ्टी
- BSE सेंसेक्स: आज लगभग 82,189 पर बंद हुआ, जिसमें लगभग 747 अंक की तेज़ी देखी गई—0.92% की वृद्धि।
- NSE निफ्टी 50: मनोभाव से ऊपर की ओर उछलते हुए आज 25,003 अंक को छू गया, करीब 252 अंक (1.02%) की बढ़त के साथ।
मुख्य कारण: आरबीआई की 0.50% रेपो रेट कटौती, CRR में 1% की कमी, और बढ़ी लिक्विडिटी ।
2. RBI की मौद्रिक नीतिपरिवर्तन
- RBI ने रेपो रेट में कुल 100 बेसिस प्वॉइंट काटे हैं—हालिया 0.50% समेत।
- CRR को 4% से घटाकर 3% किया गया—बैंकिंग सिस्टम में अतिरिक्त ₹2.5 लाख करोड़ की लिक्विडिटी आएगी।
प्रभाव:
- बैंकिंग, NBFC, रियल एस्टेट, ऑटो सेक्टरों को सबसे ज्यादा लाभ होगा।
- पब्लिक सेक्टर बैंकों (PNB, BOI, Karur Vysya) ने होम-लोन दरों में कटौती की है—PNB ने रेट 8.85% से 8.35% तक घटाया, 9 जून से लागू होगा।
3. विदेशी निवेश (FPI) की गतिविधियाँ
- 2–6 जून के बीच, FPIs ने भारतीय शेयरों में ₹8,700 करोड़ से अधिक की बिकवाली की है।
- हालांकि, मई में FPIs ने नेटी इनफ़्लो देखा—₹19,860 करोड़; अब अप्रैल और फरवरी की बिकवाली के बाद हुआ बदलाव।
4. कॉरपोरेट अपडेट्स एवं कॉर्पोरेट एक्शंस
- Mercury EV‑Tech Ltd ने भावनगर (गुजरात) में नया शोरूम खोला; इसके बाद शेयरों में खास तेजी आई।
- Bajaj Finance ने “1 पर 4” बोनस शेयर देने और 1:2 स्टॉक स्प्लिट करने की घोषणा की; रिकॉर्ड डेट है 16 जून 2025।
- आगामी सप्ताह उन निवेशकों के लिए खास रहेगा जिनके पास Tata और Adani ग्रुप की कंपनियों के स्टॉक्स हैं, क्योंकि वो डिविडेंड देंगे/स्टॉक स्प्लिट करेंगे।
5. इम्पोर्टेंट सेक्टर्स की परफॉरमेंस
- बैंकिंग और NBFCs: रेपो कट से सबसे अधिक लाभ मिला—निफ्टी बैंक इंडेक्स ने रिकॉर्ड हाई बनाया।
- रियल एस्टेट, ऑटोमोबाइल सेक्टर भी आकर्षक बन गए हैं।
- डिफेंस स्टॉक्स: Cochin Shipyard जैसे स्टॉक्स में पिछले 3 दिनों में लगभग 150% वृद्धि हुई।
6. आज का माहौल — संक्षेप
तत्व | बाज़ार की स्थिति |
---|---|
मौद्रिक नीति | RBI की रेपो-कट + CRR में कमी → लिक्विडिटी वाढ |
इंडेक्स | सेंसेक्स +747 अंक, निफ्टी +252 अंक |
FPI ट्रेंड | विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली जारी |
कॉरपोरेट कैंप | EV‑Tech, Bajaj Finance में मजबूत कदम |
सेक्टर होल्ड | बैंकिंग, NBFC, रियल एस्टेट, ऑटो, डिफेंस प्रमुख |
आपका क्या करना चाहिए?
- अगर आप कम अवधि के पोर्टफोलियो पर ध्यान दे रहे हैं:
- बैंकिंग, NBFC, ऑटो, रियल एस्टेट में मौजूदा रेट कट से लाभ उठाएं।
- डिफेंस कंपनियों पर भी ध्यान दें—उनमें रिटर्न का अच्छा मौका दिख रहा है।
- Bajaj Finance का स्टॉक स्प्लिट + बोनस योजना समझकर रणनीति बनाएं—16 जून से पहले पोज़िशन लें।
- FPIs की बिकवाली पर नजर रखें—यदि वैश्विक माहौल अच्छा रहा तो निवेश ट्रेंड उलट सकता है।
यहाँ आज के ट्रेडिंग सत्र के लिए इंट्राडे स्तर, प्रमुख उप-सेक्टर्स की स्थिति और F&O रणनीतियों की विस्तृत जानकारी हिंदी में दी जा रही है:
1. इंट्राडे प्रमुख स्तर (Intraday Levels)
- Nifty 50
- समर्थन (Support): 24,700–24,780
- प्रतिरोध (Resistance): 25,050–25,070।
- 24,780 से ऊपर खुलने पर तेजी बनी रह सकती है, जबकि 24,700 के नीचे टूटने पर बिकवाली तेज़ हो सकती है।
- Bank Nifty
- Support Zone: लगभग 55,500–55,700
- Resistance Zone: 56,500–57,000।
वर्तमान में 56,000 से ऊपर मजबूत रेंज ब्रेकआउट दिखा है।
2. उप-सेक्टर्स की चाल (Sectoral Trend)
आज निम्नलिखित सेक्टर्स में विशेष गतिविधियाँ देखने को मिली हैं:
- बैंकिंग / Financials:
Bank Nifty में 1.47% मजबूती, जिसमें IDFC First Bank +7.1%, AU Small Finance बैंक +4.1%, Axis Bank +3% शामिल थे। - NBFCs / बीमा (FinNifty):
FinNifty ने 1.75% की छलांग लगाई — ICICI Lombard +6.85%, Muthoot Finance +6.6%, Shriram Finance +5.7%। - लोहा, रियल्टी, ऑटो:
Auto +1.5%, Metal +1.56%, Realty +4.7%।
ये संकेत देते हैं कि RBI की नीतिगत छूट से सबसे अधिक फायदा रिटेल-फोकस्ड और पूंजी-intensive सेक्टर्स को हुआ।
3. F&O (Futures & Options) ट्रेडिंग रणनीतियाँ
a) Buy-on-Dip / Dip Buying
- निफ्टी 24,700–24,780 के आसपास गिरने पर खरीदारी की सलाह दी जा रही है।
- बैंक निफ्टी 55,500–55,700 ज़ोन में फिर से खरीदने लायक है।
b) Call-Writing
- 25,000–25,500 के LIKELY रेंज पर कॉल ऑप्शन बेचकर प्रीमियम अर्जित किया जा सकता है — लेकिन अगर ब्रेकआउट हो तो स्टॉप लॉस ज़रुरी ।
c) स्क्वीज गियर (Bull Call Spread / Bear Call Spread)
- तेज़ी का सुझाव: Bull Call Spread — सस्ता Call खरीदा जाए + ऊँचा Call बेचा जाए (उदा: स्टाइक 24,800 / 25,000)।
- कमजोर बाज़ार में जैसे रिस्क प्रबंधन: Bear Call Spread।
d) Iron Condor (Range-Bound Strategy)
- यदि बाज़ार 24,600–25,200 रेंज में ही रहे तो यह प्रीमियम-आधारित रणनीति कारगर है ।
e) Technical Support–Resistance पर आधारित ट्रेडिंग
- निफ्टी कॉल खरीदें यदि 24,780 से ऊपर बंद होता है, और पलटाव पर Put खरीदने पर विचार करें।
4. Risk Management और Tips
- Position Sizing: ट्रेडिंग कैपिटल का अधिकतम 2–3% रिस्क लेना चाहिए।
- Stop-Loss: प्रति ट्रेड 1–1.5% स्टॉप-लॉस निर्धारित करें। स्ट्रैटेजी के आधार पर समय से बाहर निकलें।
- Theta (Time Decay): एक्सपायरी के 15 दिन पहले के ऑप्शन लेने से बचें — तांबा बेचने (writing) से टाइम डिके का लाभ मिल सकता है ।
निष्कर्ष
- इंट्राडे: निफ्टी 24,780–25,070 और बैंक निफ्टी 56,000–57,000 रेंज की निगरानी होनी चाहिए।
- Upsector: बैंक, NBFC, मेटल और रियल्टी में ट्रेंड मज़बूत दिख रहा है।
- F&O रणनीतियाँ: Range-bound (Iron Condor), Bull/Bear Spreads और Call-Writing उपयुक्त।
- Risk-Control: रिस्क लिमिट, स्टॉप-लॉस, समय पर बुकिंग और Theta awareness ज़रुरी।