यूएस–इज़राइल हमलों के बाद ईरान की संसद ने होर्मुज़ मार्ग बंद करने का प्रस्ताव पारित किया

ईरान और अमेरिका/इज़राइल के बीच तनाव 13 जून से लगातार बढ़ रहा है, जब ईरान में फ़ोर्डो, नतन्ज़ और इस्फ़हान में अमेरिकी और इज़राइली हवाई हमले किए गए थे। इसके जवाब में ईरानी संसद ने 22 जून को होरमुज़ जलडमरूमध्य को बंद करने का प्रस्ताव पारित किया, लेकिन इसे लागू करने से पहले ईरान की सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की अंतिम मंज़ूरी आवश्यक है। ईरान की संसद और रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने स्पष्ट किया है कि “विकल्पों की पूरी पट्टिका” (variety of options) उनकी मेज़ पर है, और वो ज़रूरत पड़ने पर जलडमरूमध्य को बंद करने का निर्णय ले सकते हैं

इस जलमार्ग के बंद होने की धमकी ने विश्व तेल बाजार में भूचाल ला दिया है: विश्व तेल की लगभग 20–25% आपूर्ति इसी मार्ग से होती है, और इससे तेल की कीमतें फ़िलहाल $75–80 प्रति बैरल से शीर्ष पर $90–$110 तक पहुँचने की संभावनाएँ बन गई हैं । मगर विशेषज्ञ नोट करते हैं कि ईरान के लिए इसे लागू करना आत्मघाती हो सकता है क्योंकि उसकी अपनी तेल-निर्यात निर्भरता और अमेरिकी नौसेना की प्रतिक्रिया इसे रोकने में सक्षम है

होर्मुज़ जलडमरूमध्य — परिचय

  • यह जलडमरूमध्य फारस की खाड़ी (Persian Gulf) को ओमान की खाड़ी (Gulf of Oman) और अरब सागर से जोड़ता है, तथा इसकी सबसे संकरी जगह लगभग 33 किमी तक सीमित है

  • यह एक प्रमुख तेल मार्ग है — दुनिया के लगभग 20–30% तेल और एक तिहाई एलएनजी इसी मार्ग से होकर जाता है

ताज़ा घटनाक्रम (22–23 जून 2025)

  • ईरानी संसद (परलियामेंट) ने स्ट्रेट ऑफ होर्मुज़ को बंद करने का प्रस्ताव पारित किया, इसका उद्देश्य अमेरिकी हमलों के जवाब में तेल मार्ग को अवरुद्ध करना था

  • यह निर्णय अभी Supreme National Security Council (सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल) की मंजूरी को इंतज़ार कर रहा है

  • IRGC के जनरल और सांसद एस्माईल कोसारी ने कहा कि यह “गंभीर विचाराधीन” है और ज़रूरत पड़ी तो उठाया जाएगा

अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया में अमेरिका ने चीन से ईरान पर दबाव डालने को कहा है जिससे यह बंदी टाली जा सके । अमेरिकी विदेश मंत्री मैर्को रुबियो ने चेतावनी दी है कि यदि बंद हुआ तो यह “आर्थिक आत्महत्या” होगी । वहीं, रूस और चीन सहित अन्य देशों ने इस कार्रवाई की निंदा की है और संयम की अपील की है

ईरान के पास होरमुज़ को बंद करने का राजनीतिक और सैन्य विकल्प ज़रूर मौजूद है, लेकिन इसे अभी तक सुरक्षा परिषद की मंज़ूरी की दहलीज़र से आगे नहीं निकल पाया। वैश्विक बाजार प्रभावित हुए हैं, और अमेरिकी नौसेना तथा विदेशी शक्तियाँ भी सतर्क स्थिति में हैं।

वैश्विक असर

  • यह मार्ग वैश्विक तेल व्यापार का लगभग 20% संभालता है

  • बंद होने पर तेल की कीमतों में तेज़ी से उछाल आ सकता है — Brent क्रूड पहले ही $79–80 प्रति बैरल पर पहुंच गया है, और कीमतें $100+ तक भी जा सकती हैं

  • उच्च तेल कीमतें वैश्विक मुद्रास्फीति को बढ़ा सकती हैं और ऊर्जा सुरक्षा पर दबाव डाल सकती हैं 

भारत पर प्रभाव व तैयारी

  • भारत अपनी तेल-आयात विविधता बढ़ा चुका है — रूस, अमेरिका और अन्य देशों से वैकल्पिक आपूर्ति बहाल है

  • लगभग 40% तेल होर्मुज़ मार्ग से आता है, लेकिन अब भारत का यह निर्भरता घटकर लगभग 50% से भी कम हो चुकी है

  • पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने स्पष्ट किया कि भारत की तेल आपूर्ति सुरक्षित है, तेल कंपनियों के पास कई सप्ताह का स्टॉक है, और वैकल्पिक मार्ग तैयार हैं

  • अंतरिम रूप से, भारत ने रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार (Strategic Petroleum Reserves) को मजबूत किया और मध्य पूर्व तथा रूस-अमेरिका स्रोतों को संतुलित किया 

सुरक्षा और रणनीतिक परिदृश्य

  • ईरान की सैन्य रणनीति (A2/AD) में खनन, मिसाइल, रॉकेट और तेज़ नावों का उपयोग शामिल है, जिससे यह मार्ग ब्लॉक हो सकता है

  • हालांकि, अंतरराष्ट्रीय जल कानून के हिसाब से अरब सेनाएँ हस्तक्षेप कर सकती हैं—याद रहे, अब तक इस मार्ग को पूर्ण रूप से बंद नहीं किया गया है 

  • यूरोपीय देशों की EMASoH (European Maritime Awareness in the Strait of Hormuz) निगरानी मिशन पहले से सक्रिय है, जिसे फ्रांस ने शुरू किया था

ईरान और इज़राइल के बीच हिंसक टकराव जून 13, 2025 को “ऑपरेशन राइजिंग लायन” के हिस्से के रूप में शुरू हुआ, जिसमें इज़राइली वायुसेना ने फ़ोर्डो, नतांज़, इस्फ़हान और तेहरान में परमाणु व सैन्य स्थलों को निशाना बनाया, जिससे दर्जनों उच्चस्तरीय IRGC कमांडर और वैज्ञानिक मारे गए तथा तेहरान में व्यापक नागरिक पलायन हुआ। इसके जवाब में ईरान ने बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोन हमलों की एक श्रृंखला शुरू की, जिसमें 15 जून को बैट याम, रिहोवोट, तेल अवीव जैसे बड़े शहरों पर हमला हुआ, जिनमें सैकड़ों घायल और कई की मौत हुई । 19 जून को बीर शेबा के सोरोका अस्पताल पर सीधे मिसाइल हमले में दर्जनों घायल हुए

22 जून को ईरान ने अपनी 20वीं और अब तक की सबसे तकनीकी रूप से उन्नत हमला किया, जिसमें Kheibar Shekan नामक स्टेल्थ मिसाइल का उपयोग किया गया, जिसने बेन गुरियन एयरपोर्ट समेत इज़राइल के कई रणनीतिक लक्ष्यों को निशाना बनाया — इस हमले में 16 लोग घायल हुए और कई इमारतों को क्षति पहुँची। इसी दिन अमेरिका ने ईरान पर “ऑपरेशन मिडनाइट हैमर” नामक हमला चलाया, जिसमें फोर्डो, नतांज़ और इस्फ़हान पर बंकर-बस्टर बमों और टॉमहॉक मिसाइलों से निशाना बनाया गया, जिसके बाद ईरान ने कड़ी प्रतिक्रिया की धमकी दी और अमेरिकी प्रेसिडेंट ट्रम्प ने इज़राइल‑ईरान टकराव में सीधे हस्तक्षेप की संभावनाओं, और “रिजीम चेंज” का मुद्दा उठाया । इस पूरे टकराव में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने आपातकालीन बैठक बुलाई, जबकि रूस, चीन और पाकिस्तान ने अमेरिकी–इज़राइली कार्रवाई की निंदा की और तटस्थ देश जैसे जापान, न्यूजीलैंड ने संयम की अपील की । अमेरिकी B‑2 मिस्ट्री बम्बर्स को गुआम में तैनात कर दिया गया है, जबकि अमेरिका ने 27 मिसाइलर, 12 C‑130 और 52 फाइटर को साड़ीमानीय एयर बेस पर तैनात कर रखा है

1. स्थिति गंभीर है: ईरान ने संसद में बंद करने का कदम भारी संदेश के रूप में उठाया, लेकिन वास्तविकता में अभी सुप्रीम काउंसिल की मंजूरी बाकी है।
2. वैश्विक तेल कीमतें: तेल महँगा होने की आशंका बढ़ी है, Brent क्रूड की कीमत पहले ही $80+ तक पहुंच चुकी है।
3. भारत सशक्त स्थिति में: रणनीतिक तैयारी और वैकल्पिक मार्गों के चलते भारत की आपूर्ति फिलहाल सुरक्षित है।
4. तनाव बढ़ने की आशंका: सुरक्षा बल सक्रिय हैं, लेकिन वास्तविक ब्लॉक की संभावना फिलहाल सीमित है।

यह संघर्ष लगातार तीव्र हो रहा है, दोनों पक्षों द्वारा व्यापक हमले और जवाबी कार्रवाई हो चुकी है, संयुक्त राष्ट्र और वैश्विक शक्तियाँ तनाव को नियंत्रित करने के प्रयास में लगी हैं, और क्षेत्रीय स्थिरता खतरे में है।

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