लुधियाना वेस्ट विधानसभा उपचुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी (AAP) के उम्मीदवार संजीव अरोड़ा ने कांग्रेस के भारत भूषण आशु को 10,637 वोटों से हराकर सीट बरकरार रखी। अरोड़ा को 35,179 वोट मिले, जबकि आशु को 24,542 वोट प्राप्त हुए। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के जीवन गुप्ता ने 20,323 वोटों के साथ तीसरा स्थान हासिल किया, और शिरोमणि अकाली दल (SAD) के परुपकार सिंह घुम्मन 8,203 वोटों के साथ चौथे स्थान पर रहे।
यह उपचुनाव AAP विधायक गुरप्रीत बसी गोगी के जनवरी 2025 में निधन के कारण आयोजित किया गया था। AAP ने इस जीत के साथ अपने वोट शेयर को 2022 के 34.46% से बढ़ाकर 39.02% कर लिया, जबकि कांग्रेस का वोट शेयर 28.06% से घटकर 27.22% रह गया। BJP और SAD ने क्रमशः 22.54% और 9.1% वोट शेयर प्राप्त किए।
लुधियाना वेस्ट विधानसभा उपचुनाव 2025 के नतीजे घोषित हो चुके हैं, जिसमें आम आदमी पार्टी (AAP) के उम्मीदवार संजीव अरोड़ा ने कांग्रेस के भरत भूषण आशु को 10,637 वोटों से हराया है।
प्रमुख उम्मीदवारों के वोट और पार्टी स्थिति:
उम्मीदवार का नाम | पार्टी | प्राप्त वोट | वोट प्रतिशत |
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Sanjeev Arora | Aam Aadmi Party (AAP) | 35,179 | 39.02% |
Bharat Bhushan Ashu | Indian National Congress | 24,542 | 27.22% |
Jiwan Gupta | Bharatiya Janata Party (BJP) | 20,323 | 22.54% |
Parupkar Singh Ghuman | Shiromani Akali Dal (SAD) | 8,203 | 9.1% |
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AAP की जीत: संजय अरोड़ा की जीत ने AAP को लुधियाना वेस्ट में लगातार दूसरी बार जीत दिलाई है।
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कांग्रेस में असंतोष: भरत भूषण आशु की हार के बाद उन्होंने पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।
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BJP की स्थिति: बीजेपी के उम्मीदवार जीवन गुप्ता ने 20,323 वोट प्राप्त किए, जो पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण समर्थन दर्शाता है।
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SAD की गिरावट: शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार परुपकार सिंह घुमन को केवल 8,203 वोट मिले, जिससे पार्टी की स्थिति कमजोर होती दिख रही है।
वोट शेयर तुलना (AAP):
वर्ष | वोट प्रतिशत |
---|---|
2017 | 24.8% |
2022 | 34.46% |
2024 | 20.47% |
2025 | 39.02% |
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AAP की मजबूती: इस जीत से AAP की पंजाब में स्थिति और मजबूत हुई है, और संजीव अरोड़ा के मंत्री बनने की संभावना है।
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कांग्रेस की चुनौती: कांग्रेस को आंतरिक असंतोष और नेतृत्व की कमी का सामना करना पड़ रहा है, जिससे पार्टी की स्थिति कमजोर हो रही है।
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BJP की संभावनाएं: बीजेपी ने इस उपचुनाव में महत्वपूर्ण समर्थन प्राप्त किया है, जो भविष्य में पार्टी के लिए सकारात्मक संकेत हो सकता है।
कांग्रेस के भीतर आंतरिक कलह और वरिष्ठ नेताओं की निष्क्रियता ने आशु की हार में योगदान दिया। हार के बाद, आशु ने पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति के कार्यकारी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।
AAP की जीत को मुख्यमंत्री भगवंत मान और पार्टी नेतृत्व ने जनता के समर्थन का प्रमाण बताया, और संजीव अरोड़ा को पंजाब मंत्रिमंडल में शामिल करने की घोषणा की गई।
यह उपचुनाव 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले पंजाब की राजनीतिक दिशा का संकेत देता है, जिसमें AAP की स्थिति मजबूत होती दिख रही है, जबकि कांग्रेस और SAD को अपनी रणनीतियों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है।