AAIB (Aircraft Accident Investigation Bureau) द्वारा जारी preliminary रिपोर्ट के अनुसार, 12 जून 2025 को अहमदाबाद से लंदन भागते समय Air India Flight AI171 (Boeing 787‑8) ने टेकऑफ़ के करीब 90 सेकेंड के भीतर इंजन के फ्यूल कटऑफ की वजह से हादसा किया, जिसमें 260 लोग (229 यात्री, 12 चालक दल, और 19 लोगों की मौत जमीन पर) घायल हुए या जान गंवाई।
12 जून 2025 को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के तुरंत बाद एयर इंडिया की फ्लाइट AI171, जो लंदन के गेटविक एयरपोर्ट के लिए रवाना हो रही थी, दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस दुर्घटना में विमान के दोनों इंजन बंद हो गए, जिससे विमान का नियंत्रण खो गया और वह BJ मेडिकल कॉलेज के छात्रावास से टकरा गया। इस हादसे में 242 लोग, जिनमें 230 यात्री और 12 चालक दल के सदस्य शामिल थे, और 19 लोग ज़मीन पर मारे गए, कुल मिलाकर 261 लोग अपनी जान गंवा बैठे। वहीं, एकमात्र जीवित बचे यात्री, विशाल कुमार रमेश, ने बताया कि विमान हवा में ही रुक गया था और फिर गिरकर आग की लपटों में समा गया।
रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया कि टेकऑफ़ के तुरंत बाद “RUN” से “CUTOFF” फ्यूल स्विच लगभग एक सेकंड के अंदर दोनों इंजनों के लिए फ्लिप हुए, जिससे इंजन फ्यूल सप्लाई रुक गई, और विमान जल्द ही ऊँचाई खोकर नीचे गिर गया। कॉकपिट वॉइस रिकॉर्डिंग में दोनों पायलटों के बीच कन्फ्यूजन सुनाई दी, एक ने पूछा कि “तुमने क्यों कटऑफ किया?”, जबकि दूसरा कहता है कि उसने ऐसा नहीं किया । स्विच को वापस RUN स्थिति में लाया गया, लेकिन विमान वापस ऊँचाई प्राप्त नहीं कर सका और गर्त में गिर गया।
विमान के चालक दल में कैप्टन सुमीत सभरवाल और फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर शामिल थे। कैप्टन सभरवाल के पास 15,000 घंटे से अधिक का उड़ान अनुभव था और वे लगभग सेवानिवृत्त होने वाले थे, जबकि फर्स्ट ऑफिसर कुंदर के पास 3,400 घंटे का उड़ान अनुभव था। दोनों मुंबई के निवासी थे और विमानन परिवारों से ताल्लुक रखते थे। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि दोनों पायलटों ने उड़ान से पहले पूरी तरह से विश्राम किया था और वे उड़ान के लिए फिट थे।
खास तौर पर बताना ज़रुरी है कि ये स्विच механिकल लॉक–ब्रैकेट से सुरक्षित होते हैं और आमतौर पर टेकऑफ या फ्लाइट दौरान गलत तरीके से नहीं चलते, जिससे मौजूदा मामला “मानव त्रुटि” या “विश्वसनीय सिस्टम फॉल्ट” की आशंका को बढ़ाता है । हालांकि रिपोर्ट ने पक्ष लिया है कि इस पर अभी अंतिम निष्कर्ष नहीं निकला है और “पायलट गलती” पर झूठा आरोप लगना भी हो सकता है । सरकार ने कहा है कि अंतिम रिपोर्ट तक इंतज़ार करना चाहिए।
प्रारंभिक जांच में यह भी पाया गया कि मौसम की स्थिति सामान्य थी, विमान का वजन और संतुलन सही था, और ईंधन की गुणवत्ता भी मानक के अनुसार थी। इसके अलावा, विमान में कोई पूर्व-निर्धारित यांत्रिक समस्या या पक्षी टकराव का कोई संकेत नहीं मिला। हालांकि, रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि अमेरिकी संघीय विमानन प्रशासन (FAA) ने 2018 में एक बुलेटिन जारी किया था, जिसमें 737 विमानों में ईंधन नियंत्रण स्विच की सुरक्षा तंत्र की स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त की गई थी। हालांकि, यह बुलेटिन अनिवार्य नहीं था और एयर इंडिया ने इस संबंध में कोई निरीक्षण नहीं किया था।
इस ट्रैजिक हादसे के बाद DGCA ने Air India की पूरी Boeing 787 फ्लीट की जांच और FAA ने कुछ एयरलाइंस पर SAIB जारी करके सुरक्षा सलाह दी, हालांकि ये अनिवार्य नहीं थी। यूके AAIB, अमेरिकी NTSB, Boeing, GE Aerospace समेत कई अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां जांच में सहयोग कर रही हैं, और अंतिम रिपोर्ट लगभग एक साल बाद जारी होने की उम्मीद है।
12 जून 2025 को अहमदाबाद एयरपोर्ट से टेकऑफ़ के तुरंत बाद Air India Flight AI171 के दोनों इंजन फ्यूल कटऑफ स्विच “RUN” से “CUTOFF” स्थिति में चले गए, जिससे इंजन फ्यूल बंद हो गया। पायलटों के बीच कॉकपिट में भ्रम उत्पन्न हुआ और विमान ऊँचाई खोकर नीचे गिर गया, जिसमें 260 लोगों की जानें गईं। preliminary रिपोर्ट मानव त्रुटि या तकनीकी दोष का संकेत देती है, लेकिन स्पष्ट निष्कर्ष अभी मिलने बाकी हैं। सरकार, परिवार और विशेषज्ञ अंतिम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं, जिसमें असली कारणों की पुष्टि होगी।
इस दुर्घटना ने भारतीय विमानन इतिहास में एक गहरे धब्बे के रूप में अपनी जगह बनाई है। AAIB की अंतिम रिपोर्ट आने में अभी कुछ समय लग सकता है, लेकिन प्रारंभिक रिपोर्ट ने कई महत्वपूर्ण सवाल उठाए हैं, जिनका उत्तर आने वाले समय में ही मिल पाएगा।