C. Sadanandan Master, जिन्हें ‘मास्टर’ के नाम से भी जाना जाता है, केरल के कन्नूर जिले के वरिष्ठ शिक्षक, भाजपा नेता और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। 13 जुलाई 2025 को, भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें राज्यसभा के लिए नामित किया। यह नामांकन उनके जीवन के संघर्ष, शिक्षा के प्रति समर्पण और सामाजिक सेवा के प्रति प्रतिबद्धता का सम्मान है।
C. Sadanandan Master, जिन्हें सम्मानपूर्वक ‘Maash’ (मास्टर) कहा जाता है, त्रिशूर जिले के श्री दुर्गा विलासम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में 1999 से समाजशास्त्र के शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने गुवाहाटी विश्वविद्यालय से बी.कॉम और कालीकट विश्वविद्यालय से बी.एड की डिग्री प्राप्त की है। शिक्षण के अलावा, वे केरल में राष्ट्रीय शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष और इसके प्रकाशन ‘देशिया अध्यापक वार्ता’ के संपादक भी हैं।
उनका जीवन संघर्ष और साहस का प्रतीक है। 1994 में, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला किया, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें दोनों पैरों से हाथ धोना पड़ा। इस हमले के बावजूद, उन्होंने न केवल शिक्षा के क्षेत्र में योगदान दिया, बल्कि भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आर.एस.एस.) से जुड़कर राजनीतिक सक्रियता भी जारी रखी। उन्होंने 2016 और 2021 में कूथुपराम्बा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा, हालांकि वे सफल नहीं हो पाए।
शिक्षा और प्रारंभिक जीवन
सदानंदन मास्टर का जन्म एक कम्युनिस्ट परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कन्नूर के मट्टानूर स्थित शिवपुरम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय से प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने मट्टानूर के पझासी राजा एनएसएस कॉलेज से प्री-डिग्री और कूथुपरम्बा के सेंट मेरीज़ कॉलेज से डिग्री की पढ़ाई की। गुवाहाटी विश्वविद्यालय से बी.कॉम और कालीकट विश्वविद्यालय से बी.एड की डिग्री प्राप्त करने के बाद, उन्होंने कूझिकल एलपी स्कूल, कन्नूर में शिक्षक के रूप में कार्य करना शुरू किया।
राजनीतिक संघर्ष और कष्ट
1984 में, सदानंदन मास्टर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े, जो उनके परिवार और समुदाय में असामान्य था। इस निर्णय ने उन्हें राजनीतिक हिंसा का शिकार बना दिया। 25 जनवरी 1994 को, जब वह मट्टानूर स्थित अपने घर लौट रहे थे, तो उन पर हमलावरों ने हमला किया, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें दोनों पैरों से हाथ धोना पड़ा। यह हमला कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा किया गया था, जो उनके RSS से जुड़ने से नाराज थे।
शिक्षा और सामाजिक सेवा में योगदान
घटना के बाद भी, सदानंदन मास्टर ने शिक्षा और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में अपनी सक्रियता जारी रखी। वह त्रिशूर जिले के श्री दुर्गा विलासम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में सामाजिक अध्ययन के शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त, वह केरल के राष्ट्रीय शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष और इसके प्रकाशन ‘देशिया अध्यापक वार्ता’ के संपादक भी हैं।
राज्यसभा में नामांकन और भविष्य की प्रतिबद्धता
राज्यसभा में नामांकित होने के बाद, सदानंदन मास्टर ने इसे गर्व का क्षण बताया और केरल के विकास के लिए और अधिक मेहनत करने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि यह अवसर उन्हें राज्य में भाजपा कार्यकर्ताओं के जीवन को सुधारने और उनके मनोबल को बढ़ाने में मदद करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनकी साहसिकता और राष्ट्र निर्माण में योगदान की सराहना की है।
उनकी राज्यसभा में नामांकन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘विकसित केरल’ के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। सदानंदन मास्टर ने इस अवसर पर कहा कि यह उनके लिए गर्व का क्षण है और वे भाजपा के विश्वास को सम्मानित करेंगे। उन्होंने केरल में भाजपा कार्यकर्ताओं के जीवन स्तर को सुधारने और उनका मनोबल बढ़ाने का संकल्प लिया है।
उनकी यह यात्रा न केवल व्यक्तिगत साहस का उदाहरण है, बल्कि यह राजनीतिक हिंसा के खिलाफ एक मजबूत संदेश भी देती है। उनका राज्यसभा में योगदान केरल और देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
सी. सदानंदन मास्टर का जीवन संघर्ष, साहस और सेवा का प्रतीक है। उनका राज्यसभा में नामांकन न केवल उनके व्यक्तिगत संघर्ष की जीत है, बल्कि यह केरल में राजनीतिक हिंसा के खिलाफ एक मजबूत संदेश भी है। उनकी यात्रा यह दर्शाती है कि कठिनाइयाँ चाहे जैसी भी हों, यदि इरादा मजबूत हो, तो कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।