प्रसिद्ध दक्षिण भारतीय अभिनेत्री B. Saroja Devi का 14 जुलाई 2025 को बंगलुरु में निधन हो गया। उन्हें ‘अभिनय सरस्वती’ और ‘कन्नदातु पैंगिली’ के उपनामों से भी जाना जाता था। उनका जन्म 7 जनवरी 1938 को कर्नाटक राज्य के धारवाड़ जिले में हुआ था। उन्होंने 1955 में कन्नड़ फिल्म ‘महाकवि कालिदासा’ से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की। इसके बाद, उन्होंने तमिल, तेलुगु, हिंदी और कन्नड़ भाषाओं में 200 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया। उनकी प्रमुख फिल्मों में ‘नाडोडी मन्नन’ (1958), ‘महाकवि कालिदासा’ (1955), ‘कुलविलाक्कू’ (1964), ‘पार्थाल पासी थीरुम’ (1962) और ‘पैगाम’ (1959) शामिल हैं। उन्होंने 1967 में इंजीनियर श्रीहर्ष से विवाह किया और उनके दो संतानें हैं। उनकी अंतिम फिल्म 2019 में आई ‘नटसार्वभोम’ थी।
उन्होंने कन्नड़, तमिल, तेलुगु और हिंदी फिल्मों में 200 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया और भारतीय सिनेमा में अपनी अमिट छाप छोड़ी। उनकी कुछ प्रमुख और हिट फिल्मों में शामिल हैं:
कन्नड़ फिल्में:
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महाकवि कालिदासा (1955) – इस फिल्म से उन्होंने अपने अभिनय करियर की शुरुआत की।
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कित्तूर चेनम्मा (1961) – इस ऐतिहासिक फिल्म में उन्होंने रानी किट्टूर चेनम्मा की भूमिका निभाई, जो ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ संघर्ष करती हैं।
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मल्लम्माना पावड़ा (1969) – यह फिल्म उनके करियर की महत्वपूर्ण कन्नड़ फिल्मों में से एक मानी जाती है।
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अन्ना थांगी (1958) – डॉ. राजकुमार के साथ उनकी यह फिल्म भी दर्शकों के बीच लोकप्रिय रही।
तमिल फिल्में:
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नाडोडी मन्नन (1958) – इस फिल्म में एम.जी. रामचंद्रन के साथ उनकी जोड़ी ने तमिल सिनेमा में धूम मचाई।
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थाई सोल्लै थट्टथे (1961) – यह फिल्म भी उनकी सफलतम फिल्मों में से एक है।
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पदागोत्ती (1964) – एम.जी. रामचंद्रन के साथ उनकी यह फिल्म भी हिट रही।
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पुथिया परवाई (1964) – यह रोमांटिक थ्रिलर फिल्म भी दर्शकों के बीच सफल रही।
तेलुगु फिल्में:
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सीताराम कल्याणम (1961) – एनटी रामाराव के साथ उनकी यह फिल्म भी हिट रही।
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जगदेक वीरुनी कथा (1961) – यह फिल्म भी तेलुगु सिनेमा में महत्वपूर्ण मानी जाती है।
हिंदी फिल्में:
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पैगाम (1959) – दिलीप कुमार के साथ उनकी यह फिल्म हिंदी सिनेमा में महत्वपूर्ण मानी जाती है।
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ससुराल (1961) – राजेंद्र कुमार के साथ उनकी यह फिल्म भी हिट रही।
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प्यार किया तो डरना क्या (1963) – शम्मी कपूर के साथ उनकी यह फिल्म भी दर्शकों के बीच सफल रही।
इन फिल्मों के माध्यम से B. Saroja Devi ने भारतीय सिनेमा में अपनी विशेष पहचान बनाई और दर्शकों के दिलों में एक अमिट स्थान प्राप्त किया।
पुरस्कार और सम्मान
राष्ट्रीय पुरस्कार:
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पद्मश्री (1969): भारत सरकार द्वारा दिया गया चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान।
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पद्मभूषण (1992): भारत सरकार द्वारा दिया गया तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान।
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लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड (2008): भारत सरकार द्वारा भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए।
राज्य पुरस्कार:
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कला ममणि लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड (2009): तमिलनाडु सरकार द्वारा।
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डॉ. राजकुमार लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड (2009): कर्नाटक सरकार द्वारा।
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एनटी रामाराव राष्ट्रीय पुरस्कार (2001 और 2009): आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा।
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तमिलनाडु राज्य फिल्म पुरस्कार (1969): ‘कुलविलाक्कू’ फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री।
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अभिनया सरस्वती सम्मान (1965): कर्नाटक सरकार द्वारा।
अन्य पुरस्कार:
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ऑनरेरी डॉक्टरेट (2006): बैंगलोर विश्वविद्यालय द्वारा।
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नैट्या कला धर अवार्ड (2009): भारत कला चर, चेन्नई द्वारा।
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रोटरी शिवाजी अवार्ड (2007): चेन्नई के रोटरी क्लब द्वारा।
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विजय अवार्ड (2006): तमिल सिनेमा में योगदान के लिए।
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डीनाकरण अवार्ड (2003): सम्पूर्ण उपलब्धियों के लिए।
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सिनेमा एक्सप्रेस लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड (1997): चेन्नई में।
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फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड – साउथ (1994): दक्षिण भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए।
अपने करियर में B. Saroja Devi ने 26 फिल्मों में एम.जी. रामचंद्रन और 22 फिल्मों में शिवाजी गणेशन के साथ अभिनय किया, जो उनके करियर की महत्वपूर्ण साझेदारियाँ थीं। उनकी अभिनय शैली और आकर्षक व्यक्तित्व ने उन्हें दर्शकों के बीच विशेष स्थान दिलाया। उन्हें 1969 में पद्मश्री और 1992 में पद्मभूषण जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त, तमिलनाडु सरकार ने उन्हें ‘कलैमामनी’ पुरस्कार से भी नवाजा।
उनकी मृत्यु भारतीय सिनेमा के लिए एक अपूरणीय क्षति है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और उन्हें भारतीय सिनेमा की एक महान हस्ती बताया। उनकी यादें और योगदान भारतीय सिनेमा में हमेशा जीवित रहेंगे।