Dheeraj Kumar: भारतीय सिनेमा और टेलीविजन के दिग्गज निर्माता, अभिनेता और निर्देशक

Dheeraj Kumar

15 जुलाई 2025 को, अनुभवी अभिनेता, निर्देशक और निर्माता Dheeraj Kumar का 79 वर्ष की आयु में मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में निधन हो गया। वह निमोनिया से पीड़ित थे और ICU में वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे।उनका जन्म 1 अक्टूबर 1944 को हुआ था। उनका अंतिम संस्कार 16 जुलाई को पवन हंस श्मशान घाट में किया जाएगा। (Business Standard, Navbharat Times, Moneycontrol)

Dheeraj Kumar ने अपने करियर की शुरुआत 1965 में एक टैलेंट प्रतियोगिता से की, जिसमें Rajesh Khanna और Subhash Ghai भी प्रतिभागी थे। उन्होंने ‘Roti Kapda Aur Makaan’ (1974) और ‘Swami’ (1977) जैसी हिंदी फिल्मों में अभिनय किया, और ‘Daaj’ (1976) तथा ‘Fauji Chacha’ (1979) जैसी पंजाबी फिल्मों में प्रमुख भूमिकाएं निभाईं। (News on AIR, Hindustan Times)

धीरज कुमार ने हिंदी सिनेमा में कई महत्वपूर्ण फिल्मों में अभिनय किया, जिनमें से कुछ प्रमुख हिट फिल्में निम्नलिखित हैं:

  1. रोटी कपड़ा और मकान (Roti Kapda Aur Makaan) – 1974: इस फिल्म में उन्होंने एक सहायक भूमिका निभाई थी, जो दर्शकों द्वारा सराही गई।

  2. स्वामी (Swami) – 1977: इस फिल्म में उन्होंने एक प्रमुख भूमिका निभाई थी, जो दर्शकों द्वारा सराही गई।

  3. संग्राम (Sangram) – 1976: इस फिल्म में उन्होंने एक सहायक भूमिका निभाई थी, जो दर्शकों द्वारा सराही गई।

  4. हीरा पन्ना (Heera Panna) – 1973: इस फिल्म में उन्होंने एक सहायक भूमिका निभाई थी, जो दर्शकों द्वारा सराही गई। Wikipedia

  5. रंग खुश (Ranga Khush) – 1975: इस फिल्म में उन्होंने एक सहायक भूमिका निभाई थी, जो दर्शकों द्वारा सराही गई।

इन फिल्मों में उनके अभिनय ने उन्हें एक स्थापित अभिनेता के रूप में पहचान दिलाई। इसके अलावा, उन्होंने पंजाबी सिनेमा में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया और कई हिट फिल्मों में अभिनय किया।

धीरज कुमार ने 1970 से 1984 तक 21 पंजाबी फिल्मों में अभिनय किया, जिनमें ‘सज्जन सिंह रंगरूट’, ‘इक संधू हुंदा सी’, ‘वॉर्निंग 2’ और ‘माझैल’ जैसी फिल्में शामिल हैं। इसके अलावा, उन्होंने हिंदी फिल्मों में भी अभिनय किया, जिनमें ‘हीरा पन्ना’, ‘रातों का राजा’, ‘श्रीमान श्रीमती’, ‘स्वामी’ और ‘रोटी कपड़ा और मकान’ जैसी फिल्में शामिल हैं।उन्होंने कई सफल टेलीविजन धारावाहिकों का निर्माण किया, जिनमें ‘आदालत’, ‘घर संसार’, ‘मायका’, ‘ये प्यार न होगा कम’, ‘इश्क सुभान अल्लाह’ और ‘नीम नीम शहद शहद’ जैसी चर्चित शृंखलाएँ शामिल हैं।

धीरज कुमार (Dheeraj Kumar), भारतीय सिनेमा और टेलीविजन के एक प्रतिष्ठित अभिनेता, निर्माता और निर्देशक रहे हैं। अपने करियर में उन्होंने कई महत्वपूर्ण पुरस्कार प्राप्त किए, जो उनके योगदान की सराहना करते हैं।

प्रमुख पुरस्कार

  1. लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड (Life Time Achievement Award)
    2012 में, उन्हें पीटीसी नेटवर्क द्वारा लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार अभिनेता अनुपम खेर ने चंडीगढ़ में आयोजित एक समारोह में प्रदान किया। धीरज कुमार ने 1980 से 1984 तक पंजाबी सिनेमा में 21 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया और ‘Creative Eye’ प्रोडक्शन हाउस की स्थापना की, जिसने भारतीय टेलीविजन उद्योग में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

  2. ड्रीम अचीवर्स अवार्ड (Dream Achievers Award)
    2020 में, उन्हें ‘Films Today’ और ‘Nana Nani Foundation’ द्वारा आयोजित ड्रीम अचीवर्स अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार अभिनेता और निर्माता के रूप में उनके योगदान के लिए प्रदान किया गया।

  3. इंडियन टेलीविजन अकादमी अवार्ड (Indian Television Academy Award)
    2007 में, उन्हें भारतीय टेलीविजन अकादमी द्वारा लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड ‘Scroll of Honour’ से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उनके और उनकी कंपनी ‘Creative Eye Ltd’ के भारतीय टेलीविजन उद्योग में 21 वर्षों के योगदान के लिए प्रदान किया गया।

  4. गोल्ड अवार्ड (Gold Award)
    2018 में, उनके प्रोडक्शन हाउस ‘Creative Eye Ltd’ के धारावाहिक ‘Ishq Subhan Allah’ को ‘Path Breaking Serial of the Year’ के रूप में गोल्ड अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार धारावाहिक के अनोखे विषय और सामाजिक प्रभाव के लिए प्रदान किया गया।

  5. राष्‍ट्रीय अचीवर अवार्ड (Rashtriya Achiever Award)
    2024 में, उन्हें ‘Rashtriya Achiever Award’ से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उनके भारतीय सिनेमा और टेलीविजन उद्योग में योगदान के लिए प्रदान किया गया।

धीरज कुमार के इन पुरस्कारों से उनके बहुआयामी योगदान और भारतीय सिनेमा एवं टेलीविजन उद्योग में उनके महत्वपूर्ण स्थान की पुष्टि होती है।

1984 में, उन्होंने ‘Creative Eye’ नामक प्रोडक्शन कंपनी की स्थापना की, जिसके तहत ‘Kahan Gaye Woh Log’ (1985), ‘Adalat’ (1993), ‘Apradh’ (1994-95), ‘Om Namah Shivay’ (1997), और ‘Shree Ganesh’ (2000) जैसे लोकप्रिय धारावाहिकों का निर्माण किया। उन्होंने Hema Malini जैसे प्रमुख कलाकारों को टेलीविजन में काम करने के लिए प्रेरित किया।

उनकी मृत्यु से भारतीय फिल्म और टेलीविजन उद्योग में शोक की लहर है, और उन्हें एक बहुआयामी कलाकार और दूरदर्शी निर्माता के रूप में याद किया जाएगा।

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