16 सितंबर 2025 को भारत में सोने की कीमतों में ऐतिहासिक उछाल देखा गया है। 24 कैरेट सोने की कीमत ₹1,10,870 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई है, जबकि 22 कैरेट सोना ₹1,01,560 प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा है। इस वृद्धि का मुख्य कारण अमेरिकी डॉलर की कमजोरी और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में संभावित कटौती की उम्मीदें हैं, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की मांग बढ़ी है।
भारत में त्योहारी और विवाह सीजन के चलते सोने की मांग में वृद्धि हुई है। हालांकि, बढ़ती कीमतों के कारण उपभोक्ता नए सोने की खरीदारी के बजाय पुराने सोने को एक्सचेंज करके आधुनिक डिजाइन की ज्वेलरी खरीदने की ओर झुकाव दिखा रहे हैं। दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता जैसे प्रमुख शहरों में 24 कैरेट सोने की कीमत ₹1,11,060 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई है।
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24 कैरेट सोने की दर प्रति ग्राम ₹11,193 है, जो कि पिछले दिन की तुलना में करीब ₹87 की बढ़ोतरी है।
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22 कैरेट सोने की दर प्रति ग्राम ₹10,260, जिसमें लगभक ₹80 की वृद्धि हुई है।
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18 कैरेट सोने की दर प्रति ग्राम ₹8,395, पिछली दर की तुलना में ₹66 अधिक।
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10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत आज लगभग ₹1,11,930 है।
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100 ग्राम 24 कैरेट सोना ≈ ₹11,19,300।
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इसी तरह, 22 कैरेट और 18 कैरेट सोने के लिए भी 8 ग्राम, 10 ग्राम, 100 ग्राम आदि वज़नों पर कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
आज (16 सितंबर 2025) कुछ प्रमुख भारतीय शहरों में 1 ग्राम सोने (24K, 22K, और 18K) की दरें:
| शहर | 24 कैरट सोना (₹/ग्राम) | 22 कैरट सोना (₹/ग्राम) | 18 कैरट सोना (₹/ग्राम) |
|---|---|---|---|
| चेन्नई | ₹11,215 | ₹10,280 | ₹8,515 |
| मुंबई | ₹11,193 | ₹10,260 | ₹8,395 |
| दिल्ली | ₹11,208 | ₹10,275 | ₹8,409 |
| कोलकाता | ₹11,193 | ₹10,260 | ₹8,395 |
| बैंगलोर | ₹11,193 | ₹10,260 | ₹8,395 |
| हैदराबाद | ₹11,193 | ₹10,260 | ₹8,395 |
| अहमदाबाद | ₹11,198 | ₹10,265 | ₹8,399 |
| जयपुर | ₹11,208 | ₹10,275 | ₹8,409 |
| लखनऊ | ₹11,208 | ₹10,275 | ₹8,409 |
| पुणे | ₹11,193 | ₹10,260 | ₹8,395 |
क्या कारण है इस तेजी के पीछे?
1. विदेशी बाजारों के प्रभाव
डॉलर की कमजोरी (USD weakening) और अमेरिका की फेडरल रिजर्व से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद ने सोने की मांग को बढ़ाया है क्योंकि ब्याज दरों में कमी से गैर‑उपज देने वाले धातुओं की लागत कम हो जाती है।
2. मांग में वृद्धि
त्योहारी सीजन और शादियों के सीज़न के चलते लोगों की ज्वेलरी की मांग बढ़ गई है। इस वजह से खुदरा खरीदारों और ज्वेलरी निर्माताओं दोनों की मांग तेज़ हैं।
3. सुरक्षा की संपत्ति (Safe haven demand)
आर्थिक एवं भू‑राजनीतिक अनिश्चितताएँ (global uncertainty, inflation concerns) लोगों को ऐसे निवेशों की ओर मोड़ रही हैं जो मुद्रास्फीति (inflation) और बाजार के उतार‑चढ़ाव से बचाव करें। सोना पारंपरिक रूप से ऐसा माध्यम है।
4. मौद्रिक नीतियाँ और विदेशी मुद्रा (Monetary policy & FX effects)
यदि ब्याज दरें घटती हैं, तो सोना अधिक आकर्षक हो जाता है क्योंकि उसे रखने का अवसर‑लागत (opportunity cost) कम हो जाता है। साथ ही, रुपये की विनिमय दर में बदलाव भी सोने की कीमतों को प्रभावित करता है।
आयात शुल्क (Import Duty) में बदलाव
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भारत सरकार ने बजट 2025 में सोने के आयात पर कुल कस्टम ड्यूटी को 15% से घटाकर 6% कर दिया है, यह दर जुलाई 2024 से प्रभावी है।
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इसके परिणामस्वरूप अधिकृत (official) सोने के आयात में वृद्धि हुई है, जबकि अवैध (unofficial/smuggled) सोने की सप्लाई कम हुई है।
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यह कदम सोने की कीमतों को आंशिक रूप से नीचे लाने और उपभोक्ताओं के लिए सोना थोड़ा सस्ता बनाने के उद्देश्य से किया गया है।
मांग-प्रवृत्ति (Demand Trends)
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गहनों की मांग (jewellery demand) में कमी आई है क्योंकि सोने की कीमतें काफी ऊँची हो गई हैं। खरीदार सीमित बजट के कारण छोटे-टुकड़ों या पुराने सोने को एक्सचेंज करने की ओर रुझान दिखा रहे हैं।
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लेकिन निवेश मांग (investment demand) में वृद्धि देखी जा रही है — जैसे कि सोने के सिक्के, बार, डिजिटल गोल्ड, गोल्ड-ETFs आदि में लोग ज़्यादा निवेश कर रहे हैं क्योंकि सोना सामान्यतः आर्थिक अनिश्चितता और महंगाई के समय सुरक्षित निवेश माना जाता है।
भविष्य के अनुमान
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विश्व गोल्ड काउंसिल (WGC) की भविष्यवाणी है कि 2025 में भारत की कुल सोने की खपत गहनों की श्रेणी में गिरावट हो सकती है, क्योंकि कीमतें ऊँची हो गई हैं और उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति सीमित है।
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त्योहारों के मौसम में थोड़ी रिकवरी की संभावनाएँ हैं, लेकिन इस वर्ष समग्र मांग पिछली वर्षों जितनी मजबूत नहीं रहने की उम्मीद है।
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले महीनों में सोने की कीमतों में और वृद्धि हो सकती है। इसलिए निवेशक गिरावट के समय खरीदारी करने पर विचार कर सकते हैं।