भारतीय सेना के कर्नल पर हमला: LoC बाड़बंदी परियोजना विवाद
12 जून 2025 को जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में एक विवादास्पद घटना सामने आई, जिसमें भारतीय सेना के इंजीनियर रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल अंकुश चौधरी पर असिस्टेंट डिफेंस एस्टेट ऑफिसर (ADEO) त्रियाम सिंह ने कथित रूप से हमला किया। यह विवाद नियंत्रण रेखा (LoC) पर बाड़बंदी परियोजना के लिए आवश्यक अनुमोदनों को लेकर हुआ।
घटना का विवरण
कर्नल चौधरी LoC पर बाड़बंदी परियोजना की निगरानी कर रहे थे, जिसका उद्देश्य हाल ही में पहलगाम में हुए हमले के बाद घुसपैठ को रोकना था। उन्होंने ADEO त्रियाम सिंह से परियोजना के लिए आवश्यक बोर्ड कार्यवाही पर हस्ताक्षर करने का अनुरोध किया, जिसे सिंह ने कथित रूप से अस्वीकार कर दिया। इसके बाद, कर्नल चौधरी ने व्यक्तिगत रूप से ADEO के कार्यालय का दौरा किया, जहाँ सिंह ने न केवल सहयोग करने से इनकार किया, बल्कि कथित रूप से दुर्व्यवहार किया और उन पर हमला भी किया।
सैनिकों की प्रतिक्रिया
कर्नल पर हुए हमले के बाद, इंजीनियर रेजिमेंट के सैनिकों ने अपने कमांडिंग ऑफिसर के समर्थन में ADEO के खिलाफ प्रतिक्रिया दी। यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और सैन्य समुदाय में व्यापक आक्रोश फैल गया।
सोशल मीडिया और सैन्य समुदाय की प्रतिक्रिया
घटना की जानकारी रिटायर्ड सेना अधिकारी सुशील सिंह श्योराण ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा की। उन्होंने डिफेंस एस्टेट ऑफिस को भ्रष्टाचार के लिए बदनाम बताया और आरोप लगाया कि यह विभाग परियोजनाओं को रोकने के लिए रिश्वत की मांग करता है।
पूर्व उत्तरी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) केजेएस ढिल्लों ने कहा, “सैनिकों के लिए कमांडिंग ऑफिसर भगवान के बाद आते हैं। CO को छूने के गंभीर परिणाम होते हैं।”
यह घटना सैन्य और नागरिक अधिकारियों के बीच समन्वय की आवश्यकता को उजागर करती है, विशेष रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में। यह भी दिखाता है कि सेना के अधिकारियों और उनके अधीनस्थों के बीच गहरा विश्वास और सम्मान होता है, और किसी भी प्रकार का अपमान या हमला गंभीर प्रतिक्रिया को जन्म दे सकता है।