Preah Vihear विवाद फिर भड़का: Thailand–Cambodia के बीच दुश्मनी ने युद्ध के हालात पैदा किए

Preah Vihear, Thailand–Cambodia

Thailand–Cambodia के बीच सीमा विवाद और युद्ध की ताजा स्थिति काफी संवेदनशील बनी हुई है। दोनों देशों के बीच विवाद मुख्य रूप से Preah Vihear मंदिर और आसपास के क्षेत्र को लेकर है, जो दशकों से दोनों देशों के बीच तनाव का कारण रहा है। 2025 में इस विवाद ने फिर उग्र रूप लिया, जब थाईलैंड और कंबोडिया की सेनाओं के बीच कई बार झड़पें हुईं।

थाईलैंड की सेना ने सीमा पर कंबोडियाई सैनिकों के ठिकानों पर निशाना साधा, जबकि कंबोडियाई रॉयल आर्मी ने भी मजबूती से अपना क्षेत्र सुरक्षित रखने के लिए जवाबी कार्रवाई की। इन झड़पों में कई सैनिक घायल हुए और कुछ नागरिक भी प्रभावित हुए। कंबोडिया के प्रधानमंत्री Hun Sen ने सेना को सीमा सुरक्षा बढ़ाने के आदेश दिए हैं और कहा है कि देश अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है। वहीं थाईलैंड के प्रधानमंत्री Prayut Chan-o-cha ने भी कहा कि थाईलैंड किसी भी सीमा हनन को बर्दाश्त नहीं करेगा और अपनी सीमाओं की रक्षा करेगा।

इस विवाद ने दोनों देशों के बीच कूटनीतिक रिश्तों को भी प्रभावित किया है। दोनों देशों ने संयुक्त राष्ट्र और ASEAN से मध्यस्थता और शांति वार्ता की अपील की है। ASEAN ने इस विवाद को सुलझाने के लिए दोनों पक्षों से संयम बरतने और बातचीत के जरिए समाधान खोजने का आग्रह किया है।

 

हालांकि, सीमा पर अभी भी तनाव बरकरार है, लेकिन दोनों देशों की सरकारें युद्ध की बजाय संवाद और कूटनीतिक समाधान की ओर कदम बढ़ा रही हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी इस विवाद पर नजर बनाए हुए है और दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने की उम्मीद कर रहा है।

सीमा विवाद का इतिहास (History of the Border Dispute):

थाईलैंड (जिसे पहले सियाम के नाम से जाना जाता था) और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद कई दशकों पुराना है, जिसका मूल कारण है प्राचीन Preah Vihear मंदिर का स्वामित्व। यह मंदिर कंबोडिया के पूर्वी क्षेत्र में स्थित है और यह ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है।

    • Preah Vihear
      Thailand and Cambodia milatries clash along disputed border

      थाईलैंड (पहले सियाम) और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद का मूल कारण है Preah Vihear मंदिर, जो लगभग 11वीं शताब्दी का एक प्राचीन हिन्दू मंदिर है। यह मंदिर खमेर साम्राज्य के शासकों ने बनवाया था।

    • 19वीं और 20वीं शताब्दी में फ्रांसीसी उपनिवेशवाद के दौरान, फ्रांस ने कंबोडिया को उपनिवेश बनाया और इस क्षेत्र के सीमांकन का काम किया, लेकिन सीमाएं पूरी तरह से स्पष्ट नहीं थीं।

    • 1962 में, इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) ने Preah Vihear मंदिर को कंबोडिया के अधिकार क्षेत्र में देने का फैसला सुनाया, जिससे थाईलैंड को आंशिक रूप से असंतोष हुआ।

    • इसके बाद से मंदिर और उसके आस-पास के क्षेत्र को लेकर दोनों देशों के बीच कई बार छोटे-बड़े झगड़े और सैन्य संघर्ष हुए। खासतौर से 2008 में, जब UNESCO ने मंदिर को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया, तो विवाद और बढ़ गया।

दोनों देशों की सेनाओं की स्थिति (Military Status of Both Nations):

  • थाईलैंड आर्मी के पास आधुनिक हथियार और उपकरण उपलब्ध हैं, जिनमें हल्के और भारी तोपखाने, बख्तरबंद वाहन, ड्रोन निगरानी, और टैंक शामिल हैं। उनकी सेना तकनीकी रूप से अच्छी तरह सुसज्जित है और सीमा पर नियंत्रण के लिए उच्च तकनीकी गश्ती उपकरणों का इस्तेमाल करती है।
  • थाईलैंड आर्मी: थाईलैंड की सेना क्षेत्रीय सुरक्षा और सीमाओं की रक्षा के लिए मजबूत है। थाईलैंड की सेना में आधुनिक हथियार और रणनीतिक बल शामिल हैं। सीमा क्षेत्र में उन्होंने कंबोडियाई सैनिकों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी है।

  • कंबोडिया रॉयल आर्मी भी अपने हथियारों को आधुनिक बनाने की दिशा में प्रयासरत है। हालांकि उनकी सेना थाईलैंड की तुलना में आकार में छोटी हो सकती है, लेकिन उन्होंने सीमा पर कड़ी सुरक्षा के लिए मोर्टार, तोपखाने, और पैदल सेना को सशक्त किया है।
  • कंबोडिया रॉयल आर्मी: कंबोडिया की सेना भी मजबूत है और खासकर अपने सीमावर्ती इलाकों में सैन्य तैनाती बढ़ा रही है। कंबोडिया ने इस क्षेत्र की सुरक्षा के लिए नए आधार और गढ़ बनाए हैं।

  • दोनों देशों की सेनाएं सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रोन और सैटेलाइट इमेजरी का उपयोग करती हैं ताकि क्षेत्रीय गतिविधियों पर नजर रख सकें।

  • सीमा पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच आमतौर पर गोलीबारी, मोर्टार अटैक, और छोटी दूरी की तोपखाने की कार्रवाई होती है, लेकिन बड़ी सैन्य कार्रवाई से बचा जाता है क्योंकि यह दोनों देशों के लिए भारी नुकसान का कारण बन सकती है।

दोनों देशों की सेनाएं पूर्वी क्षेत्र में सीमावर्ती इलाकों में सक्रिय हैं और अक्सर निगरानी अभियान चलाती हैं। दोनों पक्षों ने कई बार सीमा पर सशस्त्र गश्त बढ़ाई है।

हालिया घटनाएँ (Recent Developments):

  • दोनों देशों के नेताओं के लिए यह विवाद राष्ट्रीय गौरव और संप्रभुता का मसला है, इसलिए इसे हल्का लेना दोनों के लिए कठिन है।
  • 2025 के आरंभ में, Preah Vihear मंदिर के आसपास की सीमा पर हिंसक झड़पें हुईं। दोनों देशों की सेनाओं के बीच गोलीबारी और तोपखाने के हमले हुए, जिनमें सैनिकों की मौत और घायल होने की खबरें आईं।

  • कंबोडिया के प्रधानमंत्री Hun Sen ने अपनी सेना को पूरी सतर्कता और सीमा की रक्षा के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया।

  • थाईलैंड के प्रधानमंत्री Prayut Chan-o-cha ने भी कहा कि थाईलैंड अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी तरह सक्षम है और सीमा उल्लंघन बर्दाश्त नहीं करेगा।

  • दोनों देशों ने कूटनीतिक वार्ता भी तेज कर दी है, लेकिन अभी तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकला।

  • ASEAN और संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों को संयम बरतने और विवाद को बातचीत से सुलझाने का आग्रह किया है।

  • हाल की रिपोर्टों के अनुसार, दोनों पक्षों ने कुछ शांतिपूर्ण समझौतों पर सहमति जताई है, लेकिन सीमावर्ती इलाके में तनाव अभी भी बना हुआ है।

विश्लेषण (Analysis):

  • यह सीमा विवाद ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, और राजनीतिक दोनों तरह के कारणों से जटिल है।

  • Preah Vihear मंदिर का धार्मिक और राष्ट्रीय प्रतीकात्मक महत्व दोनों देशों के लिए अत्यधिक है, इसलिए कोई भी समझौता आसान नहीं है।

  • दोनों देशों की सेनाओं के बीच सीमावर्ती इलाकों में झड़पें इस बात को दर्शाती हैं कि दोनों तरफ सैनिक सतर्क हैं और किसी भी क्षेत्रीय हस्तक्षेप को गंभीरता से लिया जाता है।

  • कूटनीतिक दबाव और अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता से ही इस विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से हल किया जा सकता है।

  • ASEAN जैसे क्षेत्रीय संगठन की भूमिका महत्वपूर्ण होगी ताकि दोनों देशों को वार्ता और शांति के लिए प्रेरित किया जा सके।

प्रीह विहियर मंदिर (Preah Vihear Temple)

प्रीह विहियर एक प्राचीन हिन्दू मंदिर है, जो कंबोडिया के उत्तर पूर्वी हिस्से में, थाईलैंड की सीमा के बिल्कुल नजदीक स्थित है। यह मंदिर खमेर साम्राज्य (Khmer Empire) के दौर का एक महत्वपूर्ण धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल है। इसे भारतीय वास्तुकला की छाप वाला एक भव्य मंदिर माना जाता है।

 

इतिहास (History):

  • Preah Vihear
    Overview map of Preah Vihear

    प्रीह विहियर मंदिर का निर्माण 11वीं शताब्दी में खमेर सम्राट Suryavarman I के शासनकाल के दौरान शुरू हुआ था।

  • यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसका नाम संस्कृत के “प्रासाद” (मंदिर) और “विहार” (स्थान) से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है “पवित्र आश्रम”।
  • यह मंदिर पहाड़ की चोटी पर बना है, जो लगभग 600 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।
  • मंदिर के पास की प्राकृतिक सुंदरता और वास्तुकला इसे धार्मिक यात्रियों और पर्यटकों के लिए आकर्षक बनाती है।

वास्तुकला (Architecture):

  • प्रीह विहियर मंदिर खमेर वास्तुकला का एक बेहतरीन उदाहरण है। इसमें पत्थरों पर नक्काशी की गई है, जिसमें भगवान शिव, देवी-देवताओं, और विभिन्न पौराणिक कथाओं को दर्शाया गया है।
  • मंदिर के मुख्य भवन की डिज़ाइन एक लंबी और संकीर्ण पथ (causeway) से जुड़ी है, जो धीरे-धीरे ऊपर की ओर चढ़ती है।
  • मंदिर के कई हिस्सों में विस्तृत मूर्तिकला और शिल्पकारी देखी जा सकती है, जो उस काल के शिल्पकारों की उत्कृष्ट कला कौशल को दर्शाती है।

भू-राजनीतिक महत्व (Geopolitical Importance):

  • प्रीह विहियर मंदिर कंबोडिया और थाईलैंड के बीच विवादित क्षेत्र में स्थित है।
  • 20वीं सदी के उपनिवेश काल के दौरान सीमा निर्धारण में अस्पष्टता के कारण इस मंदिर के आसपास का इलाका विवादित रहा।
  • 1962 में, अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) ने मंदिर को कंबोडिया के स्वामित्व में दिया, लेकिन आसपास के इलाके पर विवाद बना रहा।
  • इस मंदिर के कारण दोनों देशों के बीच कई बार सैन्य झड़पें हुई हैं, खासकर 2008 के बाद जब UNESCO ने इसे विश्व धरोहर स्थल घोषित किया।

सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व (Cultural and Religious Significance):

  • प्रीह विहियर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यह हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए एक पवित्र स्थल है।
  • यह मंदिर अपनी वास्तुकला, धार्मिक चित्रण, और ऐतिहासिक महत्व के कारण विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है।
  • कंबोडिया के लिए यह मंदिर राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है और इसकी सुरक्षा उनके लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है।

पर्यटन और संरक्षण (Tourism and Conservation):

  • Preah Vihear मंदिर अपनी प्राकृतिक छटा और ऐतिहासिक महत्व के कारण पर्यटकों को आकर्षित करता है।
  • थाईलैंड और कंबोडिया की सीमा पर होने के कारण यहां आना थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है, खासकर जब सीमा विवाद चल रहा हो।
  • UNESCO और अंतरराष्ट्रीय संगठन इस मंदिर के संरक्षण और सुरक्षा के लिए काम कर रहे हैं।
  • सुरक्षा कारणों से मंदिर के आसपास सेना तैनात रहती है।

प्रीह विहियर मंदिर न केवल एक धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर है, बल्कि यह कंबोडिया और थाईलैंड के बीच ऐतिहासिक और राजनीतिक विवाद का केंद्र भी रहा है। इसका महत्व इसकी अनूठी वास्तुकला, धार्मिक पवित्रता, और सीमा विवाद के कारण बढ़ गया है। यह मंदिर आज भी विश्व धरोहर स्थल के रूप में अपनी जगह बनाए हुए है और दोनों देशों के लिए शांति और सहयोग का एक संभावित पुल बन सकता है।

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