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नाइजीरिया में ईसाई समुदाय पर कहर: चरमपंथी हमलों में सैकड़ों मारे गए, गांव खाक, इंसानियत शर्मसार

नाइजीरिया में ईसाई समुदाय पर नरसंहार: एक दिल दहला देने वाली घटना

मई 2025 में नाइजीरिया के बेन्यू और प्लेट्यू राज्यों में हुए हमलों ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया। इन घटनाओं में चरमपंथी मुस्लिम चरवाहा समुदाय से जुड़े सशस्त्र गुटों ने रात के अंधेरे में ईसाई बहुल गांवों पर हमला किया। इन हमलों में कम से कम 100 से अधिक निर्दोष ईसाइयों की निर्मम हत्या कर दी गई, जिनमें महिलाएं, छोटे बच्चे और बुजुर्ग शामिल थे।

हमलावरों ने गोलियों की बौछार करते हुए घरों में आग लगाई, चर्चों को ध्वस्त किया और खेतों को जला दिया। ये हमले केवल भूमि या संसाधनों को लेकर नहीं थे — कई गवाहों ने बताया कि हमलावर “अल्लाहु अकबर” चिल्लाते हुए हमला कर रहे थे, जिससे यह साफ प्रतीत होता है कि हमलों की मजहबी मंशा थी।

एक और भयावह पक्ष यह है कि इन हमलों से ठीक पहले कुछ नाइजीरियाई ईसाई धर्मगुरुओं ने अमेरिकी संसद में यह गवाही दी थी कि उनके समुदाय पर व्यवस्थित धार्मिक अत्याचार हो रहे हैं। उनके बयान के कुछ ही दिनों बाद उनके गांवों को टारगेट किया गया, जिससे इन हमलों की सुनियोजित और बदले की भावना से प्रेरित रणनीति उजागर होती है।

हालांकि नाइजीरियाई सरकार ने जांच की बात कही है, परंतु स्थानीय सुरक्षा बल न तो हमलों को रोक सके और न ही पीड़ितों को सुरक्षा दे पाए। हजारों लोग अब विस्थापित हैं, चर्च और घर खंडहर हो चुके हैं, और पीड़ित न्याय की आस में बैठे हैं।

यह घटना मानवाधिकार और धार्मिक स्वतंत्रता के लिए एक गहरी चेतावनी है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस पर गंभीर संज्ञान लेने की जरूरत है।

घटना का विवरण

समय और स्थान

  • हाल की घटनाओं में, 24–27 मई 2025 के बीच, बेन्यू और प्लेट्यू राज्य में ईसाई-कृषकों वाले गांवों पर आतंकित हमले हुए।
  • इन हमलों में, संदिग्ध मुस्लिम फ़ुलानी चरवाहों ने सहमी हुई बस्तियों में रात के अँधेरे में घुसकर गोलियाँ चलाईं, मकानों और फसलों को जलाया, और निर्दोष नागरिकों को बेरहमी से मर डाला।

हताहतों की संख्या

  • बेन्यू राज्य के एक हमले में लगभग 42 लोगों की मौत हुई, जिसमें महिलाएँ और छोटे बच्चे भी शामिल थे। युद्ध जैसे हालात में लोगों को शवों की खोज के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा।
  • प्लेट्यू और बेन्यू में समान रूप से गांवों में दर्जनों लोग मारे गए: कुछ ही दिनों में 40–50 ईसाइयों की हत्या और दर्जनों अपहरण भी हुए।

हमला क्यों?

  • इन हमलों को ईसाई धर्म के कारण लक्ष्य बनाने का आरोप है — कई शहीदों ने बताया कि हमलावर “अल्लाहु अकबर” चिल्ला रहे थे, और ये धार्मिक सफाई की हिंसा जैसा प्रतीत हुआ।
  • खासकर प्लेट्यू राज्य में, जनवरी 2025 के होली सप्ताह में 170 के आसपास ईसाई मारे गए — यह एक संगठित हिंसात्मक अभियान की तरह था।

प्रतिकार और सरकार की प्रतिक्रिया

  • स्थानीय बिशपों और धार्मिक नेताओं ने अमेरिकी कांग्रेस में बयान देकर इन लाइनों को “इस्लामिक सफाया” बताया। मैकर्डी के बिशप विलफ्रेड अनग्बे की गवाही के तीन दिन बाद ही उसके गृह गांव पर हमला हुआ।
  • हालांकि नाइजीरियाई सरकार ने आधिकारिक कार्रवाई शुरू की है, लेकिन पुलिस और सुरक्षा बल हमले रोकने में नाकाम रहे — आपराधिक जांच और विस्तृत सैन्य हस्तक्षेप की मिसिंग पड़ी।

व्यापक संदर्भ

  • अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार समूहों ने इसे “ईसाइयों पर नरसंहार” बताया है, और Open Doors रिपोर्ट कहती है कि नाइजीरिया में हर दिन औसतन 14 ईसाई मारे जा रहे हैं।
  • अन्य रिपोर्टों के मुताबिक 2025 की शुरुआत में पहले तीन महीनों में लगभग 300 ईसाई मारे गए हैं, अपहरण हुए, और हजारों लोग विस्थापित हुए।

यह हमला मात्र भू-राजनैतिक संघर्ष नहीं—बल्कि धार्मिक दृष्टिकोण से ईसाइयों को निशाना बनाकर एक संगठित हिंसा के स्पष्ट उदाहरण हैं। इस हिंसा की तीव्रता, रणनीतिक समय-सीमा (जैसे बिशप की गवाही के तुरंत बाद हमले), और धार्मिक नारे आतंकवाद की धार्मिक उबलती हुई वजह का प्रमाण हैं।

नाइजीरियाई ईसाई समुदाय की चिताएं गहराई से स्थायी हैं, और अंतर्राष्ट्रीय सहायता, सुरक्षा व्यवस्था, न्याय प्रणाली के समर्थन की तत्काल आवश्यकता है।

यहाँ चार मुख्य तस्वीरें हैं जो हाल के हमलों की भयावहता दर्शाती हैं:

  • गांवों में बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होकर स्थिति का सामना करते दिख रहे हैं — विस्थापितों की भीड़ के बीच अँधेरे और आशंका स्पष्ट है।

  • जलाए गए मकानों और उपेक्षित चर्चों के बीच परिवार खड़े हैं, उनके आशियानों की राख में जीवन की बेबसी दिख रही है।

  • सूनसान बस्तियाँ, धुएँ में लिपटे मैदान — संकेत हैं कि खेतों और घरों को समय से पहले उजाड़ दिया गया।

  • कई आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों ने अस्थायी शिविर बनाए हैं — उनके आगे का चेहरा दर्द और अनिश्चित भविष्य का भय दिखाता है।

प्रमुख दृश्य:

  • मानिसों और परिवारों को घावों के बीच इलाज के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा है।

  • एक प्रमुख बिशप के गांव में हमला दिखाया गया है, जहाँ उनके परिवार और हमलावरों के बीच हुई झड़प कैद दिखती है।

  • स्थानीय कैमरामैन ने रिकॉर्ड किया है कि “कम से कम 36 ईसाई मारे गए” और चर्च में भीषण क्षति हुई।

सारांश

प्रत्यक्ष तस्वीरें और वीडियो दो बातें स्पष्ट रूप से कहते हैं:

  1. भारी मानव संकट: हजारों लोग अपने घरों को छोड़कर आए, कई घायल, कई मौतें, कई बेघर।

  2. धार्मिक-आधारित हिंसा: चर्चों का लक्ष्य बनना और मृत्यु तक घातकीय हमले — केवल स्थानीय संघर्ष नहीं, बल्कि धार्मिक लक्ष्य को केंद्रित करते हुए स्पष्ट मानवाधिकार उल्लंघन।

गवाहों के बयान

  • “People are scared” — बेन्यू के विस्थापितों ने खुलकर कहा कि डरे-सहमे लोग, परिवार और बच्चे अस्थायी शिविरों में भयभीत जीवन जी रहे हैं

  • प्लेट्यू राज्य के एक बिशप ने बताया कि चरवाहा हमलावरों ने “चर्च जंगलों में सुरक्षित छिपी श्रद्धालुओं” को निशाना बनाया—कई निर्दोष मारे गए और दर्जनों घर जला दिए गए

राहत और विस्थापन

  • बेन्यू में मई 2025 में हुए हमलों के बाद स्थानीय चर्च और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने 16 आंतरिक विस्थापन शिविर स्थापित किए, जहाँ अब लगभग 5,000 लोग सुरक्षित आश्रय में हैं

  • “16.2 मिलियन सब-सहारा अफ्रीकी ईसाई” में से हज़ारों परिवार बेघर हो गए—ACN और UNHCR जैसे संगठनों ने भोजन, blankets, प्राथमिक चिकित्सा और बच्चों की आपात शिक्षा पहुंचाने की मदद शुरू कर दी

  • कॉस्टोडियाइ सामाजिक रिपोर्टों के अनुसार, महिलाओं पर शारीरिक हमलों के साथ-साथ यौन हिंसा की घटनाएँ भी सामने आईं, जिनकी रिपोर्टिंग सीमित रहने की वजह से कई मामलों को आग़ोषित नहीं किया गया

वीडियो के प्रमुख दृश्य:

  • एक पत्रकार वास्तविक घटनास्थल पर गया है, जहाँ जलते हुए गाँवों, रक्तरंजित हालात और घायलों को अस्पताल ले जाते दिखाया गया है।

  • गवाह बताते हैं: “कम से कम 36 ईसाई मारे गए, बिशप के गांव को निशाना बनाया गया।”

  • स्थानीय तनाव प्रकाशित करते हुए – हमलावरों और बचावकर्मियों के बीच झड़पें, बुरी तरह क्षतिग्रस्त चर्च रिकवरी सेंटर में बने प्राथमिक सहायता केन्द्र एवं चर्च के सामने जमा आश्रितों की मानवीय भीड़ दिखती है

पहलू विवरण
गवाहों का भय “People are scared” — महिलाओं, बुज़ुर्गों और बच्चों का मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक संकट स्पष्ट है hrw.org+7opendoorsuk.org+7acnuk.org+7
धार्मिक-आधारित हिंसा चर्चों, घरों और समुदायों पर हमले स्पष्ट रूप से लक्षित धार्मिक हिंसा दिखाते हैं
** मनुष्यता और राहत कार्य** चर्चों द्वारा संचालित शिविर, UNHCR का सहयोग—लेकिन संसाधन कम, शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य असंतुष्ट

ये ताज़ा तस्वीरें, स्पष्ट गवाह बयान, और दमघोंटू वीडियो—सब मिलकर इस भयावह मानवीय संकट की गंभीरता, दर्द और धर्म-आधारित हिंसा की दुखद वास्तविकता को बयाँ करते हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय, सरकारें और मानवाधिकार संगठन न केवल इन पर ध्यान दें, बल्कि त्वरित राहत, सुरक्षा उपाय और न्याय सुनिश्चित करने की कार्रवाई करें।

अगर आप किसी विशेष जिले की तस्वीरें, गवाहों की और रिकॉर्डेड स्टोरीज़, या मानवाधिकार समूहों के आँकड़े जानना चाहते हैं — कृपया बताएं, मैं तुरंत जुटाता हूँ।

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